पद परिचय ( Pad Parichay : Parsing ) : वाक्यों में प्रयुक्त किए जाने वाले शब्दों को पद कहते हैं! व्याकरणिक दृष्टि से पद संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक होते हैं! इन पदों के परिचय को पद परिचय कहते हैं! इसे व्याकरणिक परिचय भी कहा जाता है! अर्थात् वाक्यों में आने वाले पदों का व्याकरण की दृष्टि से परिचय देना पद परिचय कहलाता है!
संज्ञा पद परिचय ( Sangya Pad Parichay ) : संज्ञा का पद परिचय करते समय निम्न बातें स्पष्ट की जाती है – (i) संज्ञा भेद – व्यक्तिवाचक, जातिवाचक आदि!, (ii) लिंग – स्त्रीलिंग, पुल्लिंग, (iii) वचन – एकवचन, बहुवचन!, (iv) कारक – कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, संबंध, अधिकरण, संबोधन! (v) संबंध – पद का क्रिया और अन्य पदों से संबंध!
सर्वनाम पद परिचय ( Sarvnam Pad Parichay ) : सर्वनाम का पद परिचय निम्न रूप में किया जाता है – (i) सर्वनाम भेद – पुरुषवाचक, निजवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक, प्रश्नवाचक, (ii) लिंग, (iii) वचन, (iv) कारक, (v) संबंध
विशेषण पद परिचय : विशेषण का पद परिचय निम्न रूप में दिया जाता है – (i) विशेषण भेद – गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक, (ii) लिंग, (iii) वचन, (iv) संज्ञा के साथ संबंध
क्रिया पद परिचय : क्रिया का पद परिचय निम्न रूप में किया जाता है – (i) क्रिया भेद – सकर्मक, अकर्मक, (ii) काल – भूत, वर्तमान, भविष्य, (iii) लिंग, (iv) वचन, (v) वाच्य – कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य, (vi) संबंध – वाक्य के अन्य पदों से संबंध
क्रिया विशेषण पद परिचय: क्रिया विशेषण का पद परिचय निम्न रूप में किया जाता है – (i) क्रिया विशेषण का भेद – रीतिवाचक, कालवाचक, स्थानवाचक, परिमाणवाचक, (ii) संबंध – जिस क्रिया की विशेषता प्रकट की गई है, उसके साथ संबंध!
संबंधबोधक पद परिचय : संबंधबोधक का परिचय निम्न प्रकार से दिया जाता है – (i) संबंधबोधक भेद – समता, पृथकता, विनिमय, संग्रह, स्थान, साधन, विरोध, संग, तुलना, व्यतिरेक, काल, दिशा और हेतु!, (ii) संबंध – अन्य पदों से संबंध!
समुच्चयबोधक पद परिचय : समुच्चयबोधक का पद परिचय निम्न प्रकार से दिया जाता है – (i) समुच्चयबोधक भेद – संयोजक, विभाजक, विरोधदर्शक, परिणामदर्शक, कारणवाचक, स्वरुपवाचक, उद्देश्यवाचक, संकेतवाचक, (ii) संबंध – वाक्य के उन पदों का उल्लेख जिन्हें जोड़ा जाता है!
विस्मयादिबोधक पद परिचय : विस्मायदिबोधक का पद परिचय निम्नं रूप में दिया जाता है – (i) विस्मयादिबोधक भेद – विस्मय, प्रशंसा, हर्ष, संबोधन, पीड़ा, शोक, भय, चेतावनी, आशीर्वाद, तिरस्कार, स्वीकृति, क्रोध, कृतज्ञता, अभिवादन, घृणा आदि!, (ii) संबंध – भाव का नाम!
पद परिचय के उदहारण : गणेश वहाँ दसवीं कक्षा में बैठा है!
गणेश – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक, क्रिया का कर्ता!
वहाँ – स्थानवाचक क्रिया विशेषण, क्रिया का स्थान निर्देश
दसवीं – विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य का विशेषण
कक्षा में – संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक, क्रिया से संबंध
बैठा है – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, पूर्णपक्ष, कर्तृवाच्य आदि!
और पढ़ें (Next Topic) : पदबंध संरचना और पदबंध के भेद
उम्मीद है ये उपयोगी पोस्ट आपको जरुर पसंद आया होगा! पोस्ट को पढ़ें और शेयर करें (पढाएं) तथा अपने विचार, प्रतिक्रिया, शिकायत या सुझाव से नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें अवश्य अवगत कराएं! आप हमसे हमसे ट्विटर और फेसबुक पर भी जुड़ सकते हैं!