‘सर्वनाम’ का शाब्दिक अर्थ है – सब का नाम! अर्थात् जो शब्द सबके नाम के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं! सर्वनाम का प्रयोग करके हम एक ही संज्ञा शब्द को बार बार प्रयोग करने से बचते हैं! ऐसे शब्द जो संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयोग में लाए जाते हैं, सर्वनाम कहलाते हैं! सर्वनाम शब्दों का प्रयोग संज्ञा शब्दों के पुनरावृत्ति से बचने के लिए किया जाता है! अनुच्छेद में बार बार एक ही संज्ञा शब्द का प्रयोग करने से भाषा का सौंदर्य नष्ट होता है!
सर्वनाम के भेद (Kinds of Pronouns) – सर्वनाम के छह भेद होते हैं!
- पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
- निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun)
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
- प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
- निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
- संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
१. पुरुषवाचक सर्वनाम – पुरुषवाचक सर्वनाम व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं! इनका प्रयोग तीन रूपों में होता है!
(क) उत्तम पुरुष (First Person) – ऐसे सर्वनाम जिनका प्रयोग वक्ता या लेखक स्वयं के लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुष कहते हैं! इन वाक्यों में ‘मैं, हम, मेरा, हमारा, मैंने, हमें, हमने’ ला प्रयोग होता है! जैसे – मैं खाना खाऊंगा! हमें प्रथम पुरस्कार मिला!
(ख) मध्यम पुरुष (Second Person) -ऐसे सर्वनाम जिनका प्रयोग सुननेवाले और पढ़नेवाले के लिए होता है, उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं! तु, तुम, तुमने, तुम्हें, तेरा, तुम्हारा, तुमको और तुझसे श्रोता या पाठक के लिए प्रयोग किया जाता है!
(ग) अन्य पुरुष (Third Person) – ऐसे सर्वनाम जिनका प्रयोग वक्ता और श्रोता किसी अन्य के लिए करते हैं, उन्हें अन्य पुरुष कहते हैं! वह, वे, उसे, उसके, उन्हें, उन्होंने, उनको और उसमें का प्रयोग अन्य पुरुष के लिए किया जाता है!
२. निश्चयवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनाम से दूरवर्ती अथवा समीपवर्ती व्यक्तियों, प्राणियों, वस्तुओं और घटनाओं का निश्चित बोध होता है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे – सब्जियां उसमें पड़ी है! इन वाक्यों में वह, वे, उसमें, उससे, यह और वह का प्रयोग किया जाता है!
३. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति, प्राणी या वस्तु का बोध नहीं होता है, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं! इन वाक्यों में ‘कोई, कुछ, किसी’ आदि का प्रयोग होता है! जैसे दूध में कुछ पड़ गया!
४. प्रश्नवाचक सर्वनाम – ऐसे सर्वनाम जिनसे किसी प्राणी, वस्तु, व्यक्ति और कार्य आदि के विषय में प्रश्न का बोध होता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं! इन वाक्यों में ‘कौन, किसने, क्या, किसे, किससे, किनको, किससे’ आदि प्रश्नवाचक सर्वनाम का प्रयोग होता है! जैसे – चाचा ने किसे बुलाया?
५. निजवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम के अपनेपन का बोध कराता है, वह निजवाचक सर्वनाम कहलाता है! इन वाक्यों में ‘स्वयं, आप, स्वतः और खुद आदि जैसे शब्द सर्वनाम के तौर पर प्रयुक्त होते हैं! जैसे – मैं स्वयं कर लूँगा!
६. संबंधवाचक सर्वनाम – दो उपवाक्यों का आपस में संबंध स्थापित करने वाले सर्वनाम शब्दों को संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं! इन वाक्यों में जैसा-वैसा, जो-वह, जिसने-उसने, वह-जो, जिसको-वह आदि संबंधबोधक सर्वनाम प्रयुक्त किए जाते हैं; जैसे – जैसा कहा था वैसा ही किया!
सर्वनाम और विशेषण में अंतर – निश्चयवाचक सर्वनाम (यह, वह), अनिश्चयवाचक सर्वनाम (कोई, कुछ) तथा प्रश्नवाचक (कौन, क्या) आदि सर्वनाम सार्वनामिक विशेषण के रूप में भी प्रयुक्त हो सकते हैं! अतः दोनों में अंतर समझना आवश्यक है! कौन रो रहा है? – सर्वनाम है जबकि, कौन लड़का रो रहा है? – विशेषण! सर्वनाम का अपना कोई लिंग नियम नहीं है, वाक्य में संज्ञा के लिए जिस लिंग का प्रयोग होता है, उसके लिए प्रयुक्त सर्वनाम के लिए भी उसी लिंग का प्रयोग होता है!
सर्वनाम शब्दों की रूप संरचना – पुरुषवाचक सर्वनाम में परसर्ग लगने पर अधिकतर सर्वनामों में परिवर्तन हो जाता है; जैसे – उसने, इन्होनें, मुझको, तुझको, मैंने, तुमने, हमने, आपने आदि! सर्वनामों का रूप अलग अलग कारकों के वचन के कारण बदल जाते हैं! जैसे – मैं, मुझे, मुझसे, मुझको, मेरा, मुझमें, हम, हमें, हमसे, हमको, हमसे आदि!
और पढ़ें (Next Topics) : विशेषण, विशेषण के भेद और विशेषणों की तुलना
उम्मीद है ये उपयोगी पोस्ट आपको जरुर पसंद आया होगा! पोस्ट को पढ़ें और शेयर करें (पढाएं) तथा अपने विचार, प्रतिक्रिया, शिकायत या सुझाव से नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें अवश्य अवगत कराएं! आप हमसे हमसे ट्विटर और फेसबुक पर भी जुड़ सकते हैं!