मंगलमय यह देश कहां मिलने वाला
शुचि , दान ,धर्म-सत्कर्म सार का , श्रेय लिए जीवन स्तम्भ ; क्षमा, दया, धृति ,त्याग ज्ञेय , निष्कंटक !...
शुचि , दान ,धर्म-सत्कर्म सार का , श्रेय लिए जीवन स्तम्भ ; क्षमा, दया, धृति ,त्याग ज्ञेय , निष्कंटक !...
काशी! तू अविरल अविनाशी है! शिव शंकर प्रलयंकर के अविमुक्त युक्त विन्यासी है ... तेरी शुचिता के साथ हुआ नर...
देवत्व व असुरत्व के इस द्वंद, वैमनस्य व अंतर्विरोध के बीच प्रकृति, अपने अधिष्ठान पुरुषोत्तम के प्रतिष्ठित अवतरण की पृष्ठभूमि...
स्वतंत्रता के स्वर्ण विहान हिन्दुस्थान हो! गीत, अगीत, अनुगीत के विधान तुम कविता की शब्द-चारूत्ता के शोभा-धाम हो! भूधर-विपिन-लतादिक,...
दुर्दमनीय तलवारें लिखें! विश्व धरातल पर हुए अक्षम्य इतिहासों के लिकों को लिखें मानवता के गहनों के विध्वंसक चीखों को...
बन्धुवर अब तो आ जा गांव! खोद रहे नित रेत माफिया नदिया की सब रेती चर डाले हरियाली सारी...
© Ganga News - Hindi News Media Network