प्रेमानंद महाराज ने अपने बयान का विरोध करने वाले को दिया जवाब! अपने प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा की गंदे आचरण करने वाले को सही उपदेश दो तो उन्हें बुरा लगेगा!
प्रेमानंद महाराज ने माया के प्रभाव पर बोलते हुए कहा की भारत की जनसंख्या 1 अरब 40 करोड़ के आसपास है। अब उनमें से ऐसे कितने लोग हैं, जो अध्यात्म में चलते हैं। चलने वालों में ऐसे कितने हैं, जो सही चल पाते हैं। सही चलने वालों में ऐसे कितने हैं, जो पहुंच पाते हैं। ये बहुत कठिन भगवान की माया का चरित्र रचा हुआ है। हम इसी में राजी हैं।
जैसे नाली का कीड़ा, नाली में ही सुख का अनुभव करता है। कीड़े को अमृतकुंड में डाले तो उसे पसंद नहीं आएगा। ऐसे जो गंदे आचरण कर रहे हैं न, उनको सही बात उपदेश करो तो उन्हें बुरा लगेगा। उनको अच्छा नहीं लगेगा। जैसे आप सब बच्चे हो, यहां आए हो तो सुधरने के लिए न, हम कड़ुआ भी बोलेंगे।
तुम गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड बनाना बंद करो, तुम कोई नशा मत करो, अपने माता-पिता की आज्ञा में रहो। अब इसी को बुरा मानो तो अगर संतजन तुम्हें उपदेश नहीं करेंगे तो शास्त्रों तक तुम्हारी पहुंच नहीं है। तुम कैसे जानोगे कि अच्छाई क्या है और बुराई क्या है? नए बच्चे हो, संसार में आए हो। तुमको लग रहा है कि सुख चाहिए। अब सुख व्यसन में, विचार में, गंदे व्यवहार में नहीं है। यही सब तुम्हें डिप्रेशन में ले जाएगा।