वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, “साथ मिलकर, हम प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की क्षमता को उजागर करने का लक्ष्य रखते हैं। यह बजट ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए है। यह हमारे मध्यम वर्ग, किसानों और व्यापारियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।”
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए आम बजट पर पीएम मोदी ने कहा कि आज देश ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र को लेकर चल रहा है और इस बजट में इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण और ठोस कदम उठाए गए हैं। बजट में नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय को कर के दायरे से मुक्त रखा गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट में बिहार के लिए दिल खोलकर सौगातें दी गई हैं। वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी इस बजट से काफी खुश नजर आ रहे हैं। नीतीश कुमार ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे प्रगतिशील, भविष्योन्मुखी, सकारात्मक और स्वागत योग्य बताते हुए कहा, बजट में बिहार के लिये जो घोषणाएं की गई हैं, उनसे बिहार के विकास को और गति मिलेगी। बिहार सरकार के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में उन्होंने मखाना बोर्ड की स्थापना करने, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा प्रदान करने से लेकर बिहार में आईआईटी के विस्तार तक का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘गोली लगने के घाव के लिए एक मरहम पट्टी!’’ उन्होंने आरोप लगाया कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता है, लेकिन यह सरकार विचारों को लेकर दिवालिया है।
आइए जानते हैं बजट की कुछ प्रमुख बातें :
वित्तीय सुधार को ध्यान रखते हुए निवेश के लिए नियमों को आसन किया गया है. जिसके तहत सरकार ने बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% कर दिया है, जिससे विदेशी कंपनियां भारत में और अधिक निवेश कर सकेंगी। बैंक और वित्तीय लेन-देन और भी आसान करने के लिए नया केंद्रीय KYC रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके अलावा, कंपनियों के विलय के लिए तेज़ अप्रूवल प्रक्रिया शुरू की जाएगी और बिजनेस फ्रेंडली नियम बनाए जाएंगे ताकि व्यापार करना आसान हो।
सरकार 2025 में राज्यों के लिए ‘निवेश मित्रता सूचकांक भी शुरू करेगी ताकि राज्य निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बन सकें. इसके अलावा, सरकार राज्यों को 1.5 लाख करोड़ रूपये का इंटरेस्ट-फ्री लोन देने की घोषणा की गई ताकि वे इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए आवश्यक प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा कर सकें। फाइनेंसियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल के तहत, वर्तमान वित्तीय नियमों और सहायक निर्देशों के प्रभाव को समझने के लिए एक मैकेनिज्म सेट किया जाएगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए इस बजट में सरकार ने पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 10.18 लाख करोड़ रुपये करने के साथ शहरी विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का ‘Urban Challenge Fund’ बनाने की घोषणा की, जिससे शहरों को आर्थिक विकास के हब के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसका उद्देश्य शहरों को आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में विकसित करना है। यह फंड सड़कों, जल आपूर्ति, और स्वच्छता परियोजनाओं में निवेश करेगा। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वित्त वर्ष 2025-26 तक 40,000 सस्ते मकान तैयार किए जाएंगे। इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये का SWAMI Fund 2 स्थापित किया जाएगा।
भारत को क्लीन एनर्जी की दिशा में आगे ले जाने के लिए एक नया परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू करने की भी घोषणा की है। इस मिशन का लक्ष्य है कि 2047 तक कम से कम 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा का उत्पादन किया जाए। इस क्षेत्र में निजी कंपनियों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसके लिए सरकार एटॉमिक एनर्जी एक्ट और न्यूक्लियर डैमेज एक्ट के लिए सिविल लायबिलिटी में जरूरी बदलाव करेगी। इसके अलावा, सरकार ने लघु मॉड्यूलर रिएक्टर के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया है। इस फंड का उद्देश्य है कि 2033 तक भारत में 5 स्वदेशी SMR काम करने लगें। इससे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को तेजी मिलेगी और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
छोटे व्यवसायों के लिए भी बड़े अवसर की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेस भारत के विकास का दूसरा बड़ा इंजन है, जो देश के 45% निर्यात में योगदान देता है। MSME को और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड्स शुरू किए हैं ताकि फाइनेंस की सुविधा आसान हो। स्टार्टअप्स के लिए विशेष फंड बनाए गए हैं ताकि नए व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके। फंड ऑफ फंड्स का दायरा बढ़ाया गया है ताकि MSME को अधिक निवेश का मौका मिले। इसके अलावे सरकार ने MSME के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा को भी बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे उनकी विकास दर 2.5 गुना और टर्नओवर 2 गुना तक बढ़ाया जा सकेगा। इससे छोटे व्यवसायों को नई ऊंचाइयां छूने में मदद मिलेगी।
भारत के फुटवियर और चमड़ा उद्योग को और मजबूत करने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत चमड़े और गैर-चमड़े के जूतों के डिजाइन, कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग और मशीनरी के विकास पर काम किया जाएगा। इस पहल से 22 लाख नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। इससे 400 करोड़ रुपये का कारोबार उत्पन्न होगा और निर्यात 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, सरकार खिलौना उद्योग को भी बढ़ावा देगी। भारत को खिलौनों के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने के लिए एक नई योजना बनाई गई है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले और इनोवेटिव खिलौनों के लिए क्लस्टर और स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाएगा।
किसानों के लिए प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत एक नई पहल शुरू की गई है, जिसे जन धन कृषि योजना कहा गया है। इस योजना का उद्देश्य है, कम उत्पादन वाले 100 जिलों पर विशेष ध्यान देना। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना ताकि किसान सिर्फ एक ही फसल पर निर्भर न रहें। स्टोरेज और सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करना, तथा किसानों को लंबी और छोटी अवधि के कर्ज आसानी से उपलब्ध कराना। सरकार का अनुमान है कि इससे 1.7 करोड़ किसान परिवारों को फायदा होगा। सरकार ने यह भी घोषणा की कि भारत में दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 6 साल का मिशन शुरू किया जाएगा ताकि देश को आयात पर निर्भर न रहना पड़े। इसके साथ ही बिहार में मखाना बोर्ड बनाया जाएगा ताकि मखाना उत्पादन को बढ़ावा मिले।
सरकार ने किसानों के लिए आसान कर्ज सुविधा का भी ऐलान किया है। किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को आसान शर्तों पर लोन दिया जाएगा। इसके अलावा, ब्याज में छूट वाली योजना के तहत अब किसानों को मिलने वाले लोन की सीमा ₹3,00,000 से बढ़ाकर ₹5,00,000 कर दी गई है। इससे किसानों को खेती के लिए जरूरी खर्चों को पूरा करने में आसानी होगी।
व्यकतिगत विकास एवं मानव संसाधन के विकास पर भी सरकार का बजट में विशेष जोर दिखा. वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों में निवेश ही देश के विकास का तीसरा इंजन है। सरकार ने इस दिशा में भी कई बड़ी घोषणाएं की हैं जिसमें आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम के तहत 8 करोड़ बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और किशोरियों को पोषण सहायता दी जाएगी। 2014 के बाद स्थापित 5 IIT में और अधिक छात्रों को जगह देने के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जाएगा। इससे 6,500 और छात्र पढ़ाई कर सकेंगे। स्किल डेवलपमेंट के लिए देशभर में 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाएंगे। गिग वर्कर्स के लिए पहचान पत्र जारी किए जाएंगे और उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा, जिससे 1 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को मदद मिलेगी।
सरकार ने बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई सुधारों की घोषणा की है। इसमें- बिजली वितरण और ट्रांसमिशन सिस्टम को बेहतर बनाना शामिल है। राज्यों को बिजली वितरण में सुधार लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जो राज्य इन सुधारों को सफलतापूर्वक लागू करेंगे, उन्हें उनके राज्य के जीडीपी का 0.5% अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी जाएगी ताकि वे अपनी बिजली कंपनियों को मजबूत बना सकें।
नागरिक उड्डयन ले क्षेत्र में UDAN योजना ने अब तक 619 रूट्स के जरिए 1.5 करोड़ यात्रियों को 88 हवाई अड्डों से जोड़ा है। अब सरकार इस योजना को और आगे बढ़ाने जा रही है। UDAN योजना का एक नया संस्करण लॉन्च किया जाएगा, जिसमें 120 नए हवाई गंतव्य जोड़े जाएंगे। इसका लक्ष्य है कि 4 करोड़ अतिरिक्त यात्री हवाई यात्रा का लाभ उठा सकें। साथ ही, बिहार में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे भी बनाए जाएंगे, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
अब जानते हैं की किन चीजों पर टैक्स अथवा शुल्क बढ़ाया या घटाया गया है.
- कोबाल्ट पाउडर और लिथियम-आयन बैटरी के स्क्रैप पर अब कोई बेसिक कस्टम्स ड्यूटी (BCD) नहीं लगेगा।
- 37 नई दवाएं और 13 पेशेंट असिस्टेंस प्रोग्राम्स कस्टम-फ्री सूची में जोड़े गए हैं।
- गंभीर बीमारी में इस्तेमाल 6 दवाओं पर सिर्फ 5% की रियायती कस्टम ड्यूटी लगेगी।
- गीले ब्लू लेदर पर BCD को पूरी तरह से बढ़ाएं। क्रस्ट लेदर को 20% शुल्क से मुक्त करें।
- जमे हुए फिश पेस्ट पर शुल्क को 30% से घटाकर 5% कर दिया गया है। मछली हाइड्रोलिकेट्स पर BCD को 15% से घटाकर 5% करें।
- इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर शुल्क बढ़ाकर 20% कर दिया गया है, जबकि LCD और LED के कंपोनेंट्स पर शुल्क घटाकर 5% कर दिया गया है।
अब आखिर में बात करते हैं डायरेक्ट टैक्स की, जिसपर सभी निगाहें रहती हैं. वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए टैक्स में छुट की बड़ी घोषणा की, उन्होंने कहा कि टैक्स छूट से मिडल क्लास के लोगों के पास खपत के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे और इसके साथ ही वे निवेश में पैसा बढ़ा सकेंगे और बचत भी कर सकेंगे। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स में छुट की सीमा 12 लाख तक बढ़ने की बात करते हुए अलग-अलग टैक्स स्लैब में भी बदलाव का ऐलान किया।
इस ऐलान के बाद ये सवाल उठ रहे हैं की 12 लाख तक टैक्स छुट के क्या मायने हैं? और क्या 12 लाख से ऊपर इनकम होने पर भी 12 लाख तक नहीं देना होगा टैक्स? : नए टैक्स रिजीम के मुताबिक 12 लाख तक के इनकम तक तो टैक्स शून्य रहेगा लेकिन ₹12 लाख से 1 रुपये भी ज्यादा हुई इनकम, तो चुकाना होगा टैक्स. हालाँकि नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैण्डर्ड डिडक्शन भी है, जिससे ये लिमिट बढ़ जाती है. हालांकि, ये बदलाव सिर्फ उन टैक्सपेयर्स के लिए हैं, जो न्यू टैक्स रिजीम यानी नई टैक्स व्यवस्था को चुनेंगे। ये छूट इनकम टैक्स की धारा 87ए के तहत दी जाएगी। पहले, इस धारा के तहत सरकार 25,000 रुपये का टैक्स माफ करती थी, जिसे बढ़ाकर अब 60 हजार रुपये कर दिया गया है। हालांकि, ये रियायत 12 लाख तक ही मिलेगी। इससे ज्यादा इनकम पर टैक्स देना होगा।
इसके साथ ही अलग-अलग टैक्स स्लैब में भी बदलाव का ऐलान किया। इसके तहत, अब 4 लाख रुपये की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 4 से 8 लाख रुपये पर 5 प्रतिशत, 8 से 12 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 12 लाख से 16 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 16 से 20 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये पर 25 प्रतिशत और 24 लाख रुपये से ऊपर की सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इसके अलावे वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है। वहीँ किराए पर दिए गए मकान पर TDS की सीमा भी ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई है, जिससे किराएदारों को राहत मिलेगी।