नाम | संबंधित घटनाएँ |
सजा |
खुदीराम बोस |
1908 में सेशन जज किंग्स्फोर्ड की गाड़ी पर बम फेंकने के कारण बेनी रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार हुए | 11 अगस्त 1908 को फांसी दे दी गई |
अशफाकउल्ला खां |
19 अगस्त 1925 को काकोरी डाकगाड़ी डकैती केस के अभियोग में बंदी बनाया गया | 18 दिसम्बर 1927 को फांसी दे दी गई |
उधम सिंह |
13 मार्च 1940 को माइकल ओ डायर को कैक्सटन हॉल, लंदन में गोली मारने के कारण गिरफ्तार हुए | 31 जुलाई 1940 को फांसी दे दी गई |
भगत सिंह |
सांडर्स की हत्या तथा 8 अप्रैल, 1929 को केन्द्रीय विधान सभा में बम फेंकने के सिलसिले में गिरफ़्तारी | 23 मार्च 1931 को फांसी दे दी गई |
सुखदेव | सांडर्स की हत्या के केस में 15 अप्रैल 1929 को गिरफ्तार हुए | 23 मार्च 1931 को भगत सिंह के साथ फांसी दे दी गई |
बटुकेश्वर दत्त |
भगत सिंह के साथ केन्द्रीय असेम्बली में बम फेंकने के आरोप में गिरफ्तार हुए | इन्हें आजीवन कारावास का दंड मिला |
चंद्रशेखर आजाद |
काकोरी डाकगाड़ी डकैती केस के मुख्य अभियुक्त तथा अंग्रेजी सरकार ने इन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए तीस हजार रुपये पुरस्कार की घोषणा की |
27 फरवरी 1931 को अल्फ्रेड पार्क, इलाहबाद में शहीद हुए |
मास्टर अमीचंद |
दिल्ली षड्यंत्र के प्रमुख क्रांतिकारी अमीचंद फरवरी 1914 में वायसराय लार्ड हार्डिंग की हत्या करने के आरोप में बंदी बनाये गए | 8 मई 1915 को चार साथियों के साथ इन्हें फांसी दे दी गई |
अवध बिहारी बोस |
दिल्ली षड्यंत्र केस एवं लाहौर बम कांड के आरोप में फरवरी 1914 में इन्हें बंदी बनाया गया | 8 मई, 1915 को फांसी दे दी गई |
मदन लाल धींगरा |
1 जुलाई, 1909 में कर्नल विलियम कर्जन वाइली की हत्या के कारण गिरफ्तार हुए | 16 अगस्त 1909 को इन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया |
दामोदर चापेकर |
22 जून, 1897 को प्लेग कमिश्नर रैंड और लेफ्टिनेंट एयसर्ट की हत्या के सिलसिले में अपने भाइयों के साथ गिरफ्तार हुए | 18 अप्रैल, 1898 को फांसी के तख्ते पर चढ़ कर शहीद हो गए इनके भाई बालकृष्ण चापेकर को 12 मई 1899 तथा वासुदेव चापेकर को 8 मई, 1899 को फांसी पर लटका दिया गया |
राजुगुरु | 17 सितम्बर 1928 को सांडर्स की हत्या में शामिल होने के आरोप में 30 दिसम्बर 1929 को पूना से गिरफ्तार | 23 मार्च 1931 को भगत सिंह और सुखदेव के साथ फांसी डे दी गई |
वासुदेव बलवंत फड़के |
एक सशस्त्र सेना बनाकर ब्रिटिश सेना का विरोध करने के कारण 21 जुलाई, 1879 को गिरफ्तार हुए | कालापानी की सजा के सिलसिले में अदन में आमरण अनशन करके 17 फरवरी 1883 को प्राण त्याग दिए |
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करतार सिंह सराबा |
ग़दर पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता तथा लाहौर सैनिक षड्यंत्र के नेता की हैसियत से गिरफ्तार किये गए |
16 नवम्बर 1915 को फांसी के तख्ते पर झूलते हुए शहीद हो गए |
राजेन्द्र लाहिड़ी |
दक्षिणेश्वर बम कांड तथा काकोरी डाक गाड़ी डकैती कांड के सिलसिले में गिरफ्तार हुए | 17 दिसम्बर 1927 को गोंडा की जेल में फांसी दे दी गई |
अनंत कान्हरे |
नासिक के जैक्सन हत्याकांड के प्रमुख अभियुक्त होने के कारण बंदी बनाए गए | 19 अप्रैल, 1910 को इन्हें फांसी दे दी गई |
सुभाषचंद्र बोस |
21 अक्टूबर 1943 को सिंगापूर में आजाद भारत के अस्थायी सरकार की स्थापना की घोषणा की तथा जापानी सेना की सहायता से अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह पर अधिकार करते हुए 1944 में भारतीय सीमा के इम्फाल क्षेत्र में प्रवेश किया | कहा जाता है की 18 अगस्त 1945 को वायुयान दुर्घटना में इनकी मृत्यु हो गयी, पर दुर्घटना को अभी तक प्रमाणिक नहीं माना गया है |
विष्णु गणेश पिंगल |
23 मार्च 1915 को विस्फोट बमों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया | 17 नवम्बर 1915 को इन्हें फांसी दे दी गई |
ब्रजकिशोर चक्रवर्ती |
मिदनापुर के जिला मजिस्ट्रेट बर्ज पर गोली चलाने के आरोप में 2 सितम्बर 1933 को गिरफ्तार कर लिए गए | 26 अक्टूबर 1934 को फांसी पर इन्हें लटका दिया गया |
कुसाल कोंवर |
9 अक्टूबर 1942 को ब्रिटिश सैनिक गाड़ी को पटरी से उतारने के संदेह में गिरफ्तार हुए | 16 जून 1943 को इन्हें फांसी दे दी गई |
असित भट्टाचार्य |
13 मार्च 1933 को हबीबगंज में हुई डाक डकैती तथा हत्या के अन्य मामले के सिलसिले में गिरफ्तार हुए |
2 जुलाई 1934 को सिलहट जेल में इन्हें फांसी दे दी गई |
जगन्नाथ शिंदे |
शोलापुर थाने पर हुए हमले का अभियोग लगाकर इन्हें बंदी बनाया गया | 12 जनवरी 1931 को इन्हें फांसी दे दी गई |
हरकिशन | 23 दिसम्बर 1930 को पंजाब के गवर्नर पर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुए | 9 जून 1931 को इन्हें फांसी दे दी गई |
सूर्यसेन | 18 अप्रैल 1930 में चटगांव स्थित ब्रिटिश शस्त्रागार पर आक्रमण में भाग लेने के लिए गिरफ्तार हुए | 11 जनवरी 1934 को इन्हें फांसी पर लटका दिया गया |
लाला लाजपत राय |
17 नवम्बर 1928 के साइमन कमिशन का विरोध करने करने पर पुलिस के द्वारा पाशविक लाठी प्रहारों के शिकार हुए | लाठी प्रहार के एक महीने के बाद उनका देहांत हो गया |
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