बंगाल पुलिस ने हजारों किमी की यात्रा कर एक पाकिस्तान विरोधी 19 वर्षीय लड़की को गिरफ्तार किया! आइए जानते हैं बंगाल पुलिस की इस बहादुरी के पीछे के प्रेरणादायी प्रसंग क्या हैं! वो कौन सी बातें हैं जिसने बंगाल पुलिस को इतनी बहादुरी वाला प्रेरणादायी कार्य करने को मजबूर किया –
पूरा मामला दरअसल शुरू हुआ Operation Sindoor से, जब सोशल मीडिया पर पुणे में पढ़ने वाली चौथे वर्ष की Law छात्रा शर्मिष्ठा पनोली ने पाकिस्तान के खिलाफ पोस्ट किया, जिससे बहुत से पाकिस्तानीयों की भावनाएं आहत हो गयी. जिसके बाद शर्मिष्ठा को कमेंट में भला बुरा कहने लगे. जिसके जवाब में शर्मिष्ठा ने उन्हें जवाब दिया, इस दौरान कुछ उनके धर्म पर भी टिपण्णी हो गयी और जिससे हिंदुस्तान और खासकर बंगाल के भाईजान की भावनाएं भी आहत हो गयी. हालाँकि इसके लिए ने माफ़ी मांगते हुए अपना पोस्ट डिलीट कर दिया.
लेकिन भाईजान आहत भावना के साथ हमेशा की तरह “सर तन से जुदा” के नारे लगाते हुए बंगाल पुलिस पर गिरफ़्तारी का दवाब बनाने लगे. बहादुर बंगाल पुलिस जो आहात भाई जान से अपना पुलिस स्टेशन नहीं बचा पा रही है वो बेहद बहादुरी से इनके दबाव में आ गयी. और फिर बेहद बहादुरी का परिचय देते हुए कोलकाता से हजारों किलोमीटर का सफ़र तय कर गुरुग्राम पहुँच कर उस लड़की को अरेस्ट कर लिया.
Sharmishta Panoli, a fourth year student currently studying in Pune arrested by #Kolkata Police last evening from Gurgaon on charges of hurting religious sentiments of a particular community.
Kolkata Police says, “Attempts to serve notice as per law couldn’t be successful since… pic.twitter.com/cB6KEzlS4e
— Pooja Mehta (@pooja_news) May 31, 2025
अब इसमें जो बड़ी बात जिसे लोग सोशल मीडिया में उठा रहे हैं वो ये है की लड़की है गुरुग्राम की, रहती है पुणे में, बयान दिया पुणे में, लेकिन भावना आहत का केस और गिरफ़्तारी हजारों किमी दूर अन्य राज्य बंगाल में बैठी पुलिस कर रही है. वही पुलिस जिसके पास समय, ताकत, क्षमता या आदेश नहीं है मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे जा रहे हिन्दू समुदाय की रक्षा करने का.
एक पहलु न्याय का भी है जिसे लोग सोशल मीडिया में उठा रहे है. ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान ही महाराष्ट्र में एक खदीजा नाम की लड़की ने भारत विरोधी पोस्ट किया, जिसे महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जिसपर मुंबई हाई कोर्ट ने बेहद शख्त टिपण्णी करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी का हनन बताते उसे तुरंत जमानत दे दिया. जिसे लेकर भी सोशल मीडिया में लोग तरह तरह की टिपण्णी कर रहे हैं :
एक एक्स यूजर राजीव गुप्ता लिखते हैं “पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वाली खदीजा शेख को जेल से रिहा कर दिया गया है। पाकिस्तान मुर्दाबाद कहने के लिए निर्दोष शर्मिष्ठा को अरेस्ट कर लिया गया है। यह है कांग्रेस पार्टी का बनाया हुआ सड़ा गला भ्रष्ट कॉलेजियम सिस्टम।”
#ReleaseSharmistha
“पाकिस्तान जिंदाबाद” कहने वाली खदीजा शेख को जेल से रिहा कर दिया गया है।“पाकिस्तान मुर्दाबाद” कहने के लिए निर्दोष शर्मिष्ठा को अरेस्ट कर लिया गया है।
यह है कांग्रेस पार्टी का बनाया हुआ सड़ा गला भ्रष्ट कॉलेजियम सिस्टम pic.twitter.com/JP4WjLE3zQ
— CA RAJEEV GUPTA (@RajeevGuptaCA) May 31, 2025
एक एक्स यूजर रिनिती चटर्जी लिखती है “पाकिस्तानियों को गाली देने की सजा आपको हिंदुस्तान में भी मिल सकती है क्योंकि इससे मुल्ला वर्ग नाराज़ हो जाता है।”
पाकिस्तानियों को गाली देने की सजा आपको हिंदुस्तान में भी मिल सकती है क्योंकि इससे मुल्ला वर्ग नाराज़ हो जाता है । pic.twitter.com/6HKHXOJzqo
— Riniti Chatterjee Pandey (@IRinitiPandey) May 31, 2025
एक एक्स यूजर साध्वी प्राची ने हिन्दू धर्म को अपमानित करने वाली तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा और सयोनी घोष के पोस्ट का स्क्रीनशॉट लगाते हुए लिखती है “Hello Kolkata Police हिम्मत है तो इन दोनों को गिरफ्तार करके दिखाओ”
Hello @KolkataPolice
हिम्मत है तो इन दोनों को गिरफ्तार करके दिखाओ… pic.twitter.com/pPTkkqIgBy
— Sadhvi Prachi (@Sadhvi_prachi) May 31, 2025
एक एक्स यूजर श्री सत्या लिखते हैं “जब तक हमारे पास स्ट्रीट पॉवर नहीं होगा, तब तक हम अपनी बहनों को नहीं बचा पाएँगे।”
As long as we don’t have STREET POWER we can’t save our sisters.. pic.twitter.com/6lEKq8SHPd
— SriSathya (@sathyashrii) May 31, 2025
एक एक्स यूजर वकील कल्पना श्रीवास्तव लिखती है “देखो भाइयों और बहनों, ये है हिंदुस्तान का असली चेहरा! एक तरफ़ एक पाकिस्तान परस्त, कट्टरपंथी इस्लामी लड़की, जो खुले आम आतंकवादी मुल्क पाकिस्तान की तारीफ़ करती है, उसे जमानत मिल जाती है! दूसरी तरफ़ एक छात्रा, जो उसी आतंकवादी मुल्क के ख़िलाफ़ सच बोलने की हिम्मत करती है, उसे आधी रात को गिरफ़्तार कर लिया जाता है! ये क्या हो रहा है हमारे देश में? हमारी न्यायपालिका बिक चुकी है, भाइयों! ये सिस्टम हिंदुओं के ख़िलाफ़ साज़िश रच रहा है! देखो इन तस्वीरों को—एक तरफ़ ये कट्टरपंथी सोच, और दूसरी जो सच के लिए लड़ रही है! क्या ये न्याय है? नहीं! ये अन्याय है, ये देशद्रोह है! जब तक हम जागते नहीं, जब तक हम आवाज़ नहीं उठाते, ये सिस्टम हमें कुचलता रहेगा! जागो हिंदुओं, जागो! भारत माता की रक्षा करो! जय श्री राम!”
“देखो भाइयों और बहनों, ये है हिंदुस्तान का असली चेहरा! एक तरफ़ एक पाकिस्तान परस्त, कट्टरपंथी इस्लामी लड़की, जो खुले आम आतंकवादी मुल्क पाकिस्तान की तारीफ़ करती है, उसे जमानत मिल जाती है!
दूसरी तरफ़ एक छात्रा, जो उसी आतंकवादी मुल्क के ख़िलाफ़ सच बोलने की हिम्मत करती है, उसे आधी… pic.twitter.com/gILk7X4cGv
— कल्पना श्रीवास्तव 🇮🇳 (@Lawyer_Kalpana) May 31, 2025
एक एक्स यूजर चंदन शर्मा लिखते हैं “क्या यह दोगलापन नहीं है? एक पाकिस्तान समर्थक लड़की को पाकिस्तान की तारीफ करने के बाद भी जमानत मिल जाती है वहीं एक छात्र को उसी आतंकी मुल्क पाकिस्तान के खिलाफ बोलने पर आधी रात को गिरफ्तार किया जाता है क्या यही न्याय हैं? क्या आप इसे उचित मानते हैं?।”
क्या यह दोगलापन नहीं है?
एक पाकिस्तान समर्थक लड़की को पाकिस्तान की तारीफ करने के बाद भी जमानत मिल जाती है
वहीं एक छात्र को उसी आतंकी मुल्क पाकिस्तान के खिलाफ बोलने पर आधी रात को गिरफ्तार किया जाता है
क्या यही न्याय हैं?
क्या आप इसे उचित मानते हैं? pic.twitter.com/kp6ntOL1L8— Chandan Sharma (@ChandanSharmaG) May 31, 2025
एक एक्स यूजर अरुण राजन लिखते हैं “लश्कर भी तुम्हारा है, कानून भी तुम्हारा है, तुम झूठ को सच लिख दो, अख़बार भी तुम्हारा है। हम इसकी शिकायत करें तो कहाँ करें, बंगाल में निजाम तुम्हारा है, कोर्ट भी तुम्हारा है। कानून के दो अलग अलग चेहरे।”
लश्कर भी तुम्हारा है, कानून भी तुम्हारा है,
तुम झूठ को सच लिख दो, अख़बार भी तुम्हारा है।हम इसकी शिकायत करें तो कहाँ करें,
बंगाल में निजाम तुम्हारा है, कोर्ट भी तुम्हारा है।कानून के दो अलग -अलग चेहरे … #ReleaseSharmistha pic.twitter.com/CxElLkcB2e
— अरुण बाजपेयी राजन (@arunbajpairajan) May 31, 2025
एक एक्स यूजर मिस भूमि लिखती है “क्या हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी केवल राष्ट्रद्रोहियों और राष्ट्र विरोधीयौ के लिए है ? क्या सबके लिए अलग अलग कानून है? क्या हम दो भारत में रह रहे हैं ? 1. जहाँ एक पाकिस्तान समर्थक कट्टरपंथी इस्लामी लड़की को आतंकवादी देश पाकिस्तान की खुलेआम तारीफ करने के बाद जमानत मिल जाती है। 2. जहाँ एक छात्र को उसी आतंकवादी देश पाकिस्तान के खिलाफ बोलने के लिए आधी रात को गिरफ्तार कर लिया जाता है। सब बिक चुकी न्यायपालिका की बदौलत है।”
क्या हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी केवल राष्ट्रद्रोहियों और राष्ट्र विरोधीयौ के लिए है ?
क्या सबके लिए अलग अलग कानून है?
क्या हम दो भारत में रह रहे हैं ?
1. जहाँ एक पाकिस्तान समर्थक कट्टरपंथी इस्लामी लड़की को आतंकवादी देश पाकिस्तान की खुलेआम तारीफ करने के बाद जमानत मिल… pic.twitter.com/aXO6i5PzNT
— Ms.Bhumi (@ibmindia20) May 31, 2025
पत्रकार नुपुर शर्मा लिखती है “कोलकाता पुलिस को एक तानाशाह चलाता है जो अपने मुल्ला आधार को खुश रखने के लिए निर्दोष, बेखबर हिंदुओं की जिंदगी बर्बाद कर देगा। हमने इसे चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान देखा, हमने इसे राज्य में हर दंगे के दौरान देखा और हम इसे आज भी देख रहे हैं। शर्मिष्ठा के साथ जो हो रहा है, वह फासीवाद जैसा ही है।”
Kolkata police is run by a despot who will ruin lives of innocent, unsuspecting Hindus to keep her mullah base happy. We saw it during the post poll violence, we saw it during every riot in the state and we see it today. What is happening to Sharmishtha is what fascism looks like
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) May 31, 2025
एक एक्स यूजर सौरभ तिवारी लिखते हैं “अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ राष्ट्र द्रोहियो को हैं।”
अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ राष्ट्र द्रोहियो को हैं।😡#ReleaseSharmistha pic.twitter.com/FXZ9hM9oGJ
— Saurabh Tiwari (@SaurabhTiwari_8) May 31, 2025
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ट वकील अश्विनी उपाध्याय लिखते हैं “Sharmishta की गिरफ्तारी का मूल कारण है गुलामी की घटिया पुलिस व्यवस्था 1861 में बना पुलिस ऐक्ट आज भी चल रहा है इसलिए पुलिस पहले अंग्रेजों की गुलाम थी और अब सत्ता की गुलाम है स्थाई समाधान चाहते हैं तो Uniform Police Code और Police Charter लागू करने की मांग करिए।”
#Sharmishta की गिरफ्तारी का मूल कारण है गुलामी की घटिया पुलिस व्यवस्था
1861 में बना पुलिस ऐक्ट आज भी चल रहा है इसलिए पुलिस पहले अंग्रेजों की गुलाम थी और अब सत्ता की गुलाम है
स्थाई समाधान चाहते हैं तो Uniform Police Code और Police Charter लागू करने की मांग करिए @narendramodi
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) May 31, 2025
इसे पुरे प्रकरण में पुलिस और न्यायपालिका की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर रहे हैं लोग. हालाँकि हमारा मानना है की पुलिस की अपनी कोई कार्यशैली नहीं होती है. पुलिस की कार्यशैली वैसी ही होती है जैसी सरकार की और सरकार में बैठे लोगों की होती है. इसलिए इस गिरफ़्तारी प्रकरण में पुलिस की तत्परता या मुर्शिदाबाद हिंसा में पुलिस की निष्क्रियता का पुलिस की कार्यशैली से कोई लेना देना नहीं है. बल्कि ये बंगाल सरकार में बैठे लोगों की मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीति का ही परिलक्षण मात्र है.
शर्मिष्ठा की गिरफ़्तारी के बाद सोशल मीडिया में कमेंट्स की बाढ़ आ गयी है. लोग #ReleaseSharmistha हैशटैग केसाथ उसकी गिरफ़्तारी के विरोध में पोस्ट कर रहे हैं. ये है गिरफ़्तारी की पूरी कहानी और उसपर लोगों की प्रतिक्रियाएं. पुलिस के इस कार्यप्रणाली पर आपकी क्या राय है, ये हमें कमेन्ट के माध्यम से जरुर बताएं.