उदास मौसम बदल रहा है, धुंए का पर्वत पिघल रहा है, दिलों में लावा उबल रहा है | Imran Pratapgarhi

गुजरात के कांग्रेस अधिवेशन में इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने भाषण में कहा – उदास मौसम बदल रहा है, धुंए का पर्वत पिघल रहा है, दिलों में लावा उबल रहा है, सुबह सुबह जब हुजूम लेकर सफ़र पर निकले तो यु लगे है की जैसे सूरज निकल रहा है, वो चल रहा है, वो चल रहा है | Imran Pratapgarhi Speech in Congress Gujarat Adhivesh

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