• ENGLISH
  • JaiTV
  • Login
GANGA NEWS
  • होम
  • देश
  • विदेश
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • तकनीक
  • विचार
  • बिज़नेस
  • विडियो
  • व्यक्ति
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • दिल्ली NCR
    • पंजाब
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • कर्नाटक
    • असम
  • अन्य
    • फैशन
    • खेल
    • जानकारी
    • अपराध
    • ब्रेकिंग न्यूज़
    • विज्ञान
    • स्वास्थ्य
    • शिक्षा
No Result
View All Result
GANGA NEWS
  • होम
  • देश
  • विदेश
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • तकनीक
  • विचार
  • बिज़नेस
  • विडियो
  • व्यक्ति
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • दिल्ली NCR
    • पंजाब
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • कर्नाटक
    • असम
  • अन्य
    • फैशन
    • खेल
    • जानकारी
    • अपराध
    • ब्रेकिंग न्यूज़
    • विज्ञान
    • स्वास्थ्य
    • शिक्षा
No Result
View All Result
GANGA NEWS
No Result
View All Result
Home शिक्षा

भारत के संसदीय कार्यप्रणाली से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दावली

by Ganga Info Desk
8 March 2020
in शिक्षा
TwitterFacebookWhatsappTelegram

शून्य काल (Zero Hour) : संसद के दोनों सदनों में प्रत्येक प्रश्नकाल के ठीक बाद के समय को शून्यकाल कहा जाता है! यह 12 बजे प्रारंभ होता है और 1 बजे दिन तक चलता है! शून्यकाल का लोकसभा या राज्यसभा की प्रक्रिया तथा संचालन नियम में कोई उल्लेख नहीं है! इस काल अर्थात 12 बजे से 1 बजे तक के समय को शून्यकाल नाम समाचारपत्रों द्वारा दिया गया! इस काल के दौरान सदस्य अविलंबनीय महत्त्व के मामलों को उठाते हैं तथा इस पर तुरंत कार्यवाही चाहते हैं!

 

सदन का स्थगन : सदन के स्थगन द्वारा सदन के काम काज को विनिर्दिष्ट समय के लिए स्थगित कर दिया जाता है! यह कुछ घंटे, दिन या सप्ताह का भी हो सकता है, जबकि सत्रावसान द्वारा सत्र की समाप्ति होती है!

RelatedPosts

Augmented Reality : चिकित्सा शिक्षा में संवर्धित वास्तविकता की संभावना

हृदय की शारीरिक रचना और यह पूरे शरीर में रक्त कैसे पंप करता है

वायु प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव

 

विघटन : विघटन केवल लोकसभा का ही हो सकता है! इससे लोकसभा का अंत हो जाता है!

 

अनुपूरक प्रश्न : सदन में किसी सदस्य द्वारा अध्यक्ष की अनुमति से किसी विषय, जिसके संबंध में उत्तर दिया जा चूका है, के स्पष्टीकरण हेतु अनुपूरक प्रश्न पूछने की अनुमति प्रदान की जाती है!

 

तारांकित प्रश्न : जिन प्रश्नों का उतर सदस्य तुरंत सदन में चाहता है उसे तारांकित प्रश्न कहा जाता है! तारांकित प्रश्नों का उत्तर मौखिक दिया जाता है तथा तारांकित प्रश्नों के अनुपूरक प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं! इस प्रश्न पर तारा लगाकर अन्य प्रश्नों से इसका भेद किया जाता है!

 

अतारांकित प्रश्न : जिन प्रश्नों का उत्तर सदस्य लिखित चाहता है, उन्हें अतारांकित प्रश्न कहा जाता है! अतारांकित प्रश्न का उत्तर सदन में नहीं दिया जाता है और इन प्रश्नों के अनुपूरक प्रश्न नहीं पूछे जाते!

और पढ़ें : भारतीय संविधान में आपात उपबंध की व्यवस्था

 

स्थगन प्रस्ताव : स्थगन प्रस्ताव पेश करने का मुख्य उद्देश्य किसी अविलंबनीय लोक महत्व के मामले की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करना है! जब इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है, तब सदन अविलंबनीय लोक महत्व के निश्चित मामले पर चर्चा करने के लिए सदन का नियमित कार्य रोक देता है! इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए न्यूनतम 50 सदस्यों की स्वीकृति आवश्यक है!

 

अल्प सूचना प्रश्न : जो प्रश्न अविलंबनीय लोक महत्व का हो तथा जिन्हें साधारण प्रश्न के लिए निर्धारित दस दिन की अवधि से कम सूचना देकर पूछा जा सकता है, उन्हें अल्पसूचना प्रश्न कहा जाता है!

 

संचित निधि (Consolidated Fund) : संविधान के अनुच्छेद 266 में संचित निधि का प्रावधान है! संचित निधि से धन संसद में प्रस्तुत अनुदान मांगों के द्वारा ही व्यय किया जाता है! राज्यों को करों एवं शुल्कों में से उनका अंश देने के बाद जो धन बचता है, निधि में दाल दिया जाता है! राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक आदि के वेतन तथा भत्ते इसी निधि पर भारित होता है!

 

आकस्मिक निधि (Contingency Fund) : संविधान के अनुच्छेद 267 के अनुसार भारत सरकार एक आकस्मिक निधि की स्थापना करेगी! इसमें जमा धनराशि का व्यय विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार किया जाता है! संसद की स्वीकृति के बिना इस मद से धन नहीं निकाला जा सकता है! विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रपति अग्रिम रूप से इस निधि से धन निकल सकते हैं!

 

आधे घंटे की चर्चा : जिन प्रश्नों का उत्तर सदन में डे दिया गया हो, उन प्रश्नों से उत्पन्न होने वाले मामलों पर चर्चा लोकसभा में सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को बैठक के अंतिम आधे घंटे में की जा सकती है! राज्यसभा में ऐसी चर्चा किसी दिन, जिसे सभापति निर्धारति करे, सामान्यतः 5 बजे से 5:30 बजे के बिच की जा सकती है! ऐसी चर्चा का विषय पर्याप्त लोक महत्त्व का होना चाहिए तथा विषय हाल के किसी तारांकित, अतारांकित या अल्प सूचना का प्रश्न हो और जिसके उत्तर के किसी तथ्यात्मक मामले का स्पष्टीकरण आवश्यक हो! ऐसी चर्चा को उठाने की सूचना कम से कम तीन दिन पूर्व दी जानी चाहिए!

और पढ़ें : भारत के संविधान में निर्वाचन आयोग की व्यवस्था

 

अल्पकालीन चर्चाएँ : भारत में इस प्रथा की शुरुआत 1953 ई० के बाद हुई! इसमें लोक महत्व के प्रश्न पर सदन का ध्यान आकर्षित किया जाता है! ऐसी चर्चा के लिए स्पष्ट कारणों सहित सदन के महासचिव को सूचना देना आवश्यक होता है! इस सूचना पर कम से कम दो अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर होना भी आवश्यक है!

 

विनियोग विधेयक : विनियोग विधेयक में भारत की संचित निधि पर भारित व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित धन तथा सरकार के खर्च हेतु अनुदान की मांग शामिल होती है! भारत की संचित निधि में से कोई धन विनियोग विधेयक के अधीन ही निकाला जा सकता है!

 

लेखानुदान : जैसा की विदित है, विनियोग विधेयक के पारित होने के बाद ही भारत की संचित निधि से कोई रकम निकली जा सकती है, किंतु सरकार को इस विधेयक के पारित होने के पहले भी रुपयों की आवश्यकता हो सकती है! अनुच्छेद 116 (क) के अंतर्गत लोकसभा लेखा अनुदान (Vote on Account) पारित कर सरकार के लिए अग्रिम राशि मंजूर कर सकती है, जिसके बारे में बजट विवरण देना सरकार के लिए संभव नहीं है!

 

वित्त विधेयक (Finance Bill) : संविधान का अनुच्छेद – 112 वित्त विधेयक को परिभाषित करता है! जिन वित्तीय प्रस्तावों को सरकार आगामी वर्ष के लिए सदन में प्रस्तुत करती है, उन वित्तीय प्रस्तावों को मिलाकर वित्त विधेयक की रचना होती है! सामान्यतः वित्त विधेयक उस विधेयक को कहते हैं, जो राजस्व या व्यय से संबंधित होता है! संसद में प्रस्तुत सभी वित्त विधेयक धन विधेयक नहीं हो सकते! वित्त विधेयक, धन विधेयक है या नहीं, इसे प्रमाणित करने का अधिकार केवल लोकसभा अध्यक्ष को है!

 

धन विधेयक : संसद में राजस्व एकत्र करने अथवा अन्य प्रकार से धन से संबंध विधेयक को धन विधेयक कहते हैं! संविधान का अनुच्छेद 110 (1) के उपखंड (क) से (छ) तक में उल्लिखित विषयों से संबंधित विधेयकों को धन विधेयक कहा जाता है! धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किया जाता है! धन विधेयक को राष्ट्रपति पुनः विचार के लिए लौटा नहीं सकता है!

 

अनुपूरक अनुदान : यदि विनियोग विधेयक द्वारा किसी विशेष सेवा पर चालू वर्ष के लिए व्यय किये जाने के लिए प्राधिकृत कोई राशि अपर्याप्त पायी जाती है या वर्ष के बजट में उल्लिखित न की गई, और किसी नई सेवा पर खर्च की आवश्यकता उत्पन्न हो जाती है, तो राष्ट्रपति एक अनुपूरक अनुदान संसद के समक्ष पेश करवाएगा! अनुपूरक अनुदान और विनियोग विधेयक दोनों के लिए एक ही प्रक्रिया विहित की गई है!

 

बजट सत्र : यह सत्र फरवरी के दुसरे या तीसरे सप्ताह के सोमवार को आरंभ होता है! इसे बजट सत्र इसलिए कहते हैं की इस सत्र में आगामी वित्तीय वर्ष का अनुमानित बजट प्रस्तुत, विचारित और पारित किया जाता है!

 

सामूहिक उत्तरदायित्व : अनुच्छेद – 75 (3) के अनुसार मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगी! इसका अभिप्राय यह है की वह अपने पद पर तब तक बनी रह सकती है जब तक उसे निम्न सदन अर्थात लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त है! लोकसभा का विश्वास खोते ही मंत्रिपरिषद को तुरंत पद त्याग करना होगा!

 

कटौती प्रस्ताव : सत्तापक्ष द्वारा सदन की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत अनुदान की मांगों में से किसी भी प्रकार की कटौती के लिए विपक्ष द्वारा रखे गये प्रस्ताव को कटौती प्रस्ताव कहा जाता है! सरकार की नीतियों की अस्वीकृति को दर्शाने के लीए विपक्ष द्वारा प्रायः एक रुपया की कटौती का प्रस्ताव किया जाता है जिसका अर्थ यह भी है की प्रस्ताव मांग के मुद्दों का स्पष्ट उल्लेख किया जाए!

 

अविश्वास प्रस्ताव : अविश्वास प्रस्ताव सदन में विपक्षी दल के किसी सदस्य द्वारा रखा जाता है! प्रस्ताव के पक्ष में कम से कम 50 सदस्यों का होना आवश्यक है तथा प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के 10 दिन के अंदर इस पर चर्चा होना भी आवश्यक है! चर्चा के बाद अध्यक्ष मतदान द्वारा निर्णय की घोषणा करता है!

 

मूल प्रस्ताव : मूल प्रस्ताव अपने आप में संपूर्ण होता है, जो सदन के अनुमोदन के लिए पेश किया जाता है! मूल प्रस्ताव को इस तरह से बनाया जाता है की उससे सदन के फैसले की अभिव्यक्ति हो सके! निम्नलिखित प्रस्ताव मूल प्रस्ताव होते हैं –

  • राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव!
  • अविध्वास प्रस्ताव : इस प्रस्ताव के माध्यम से सदन का कोई सदस्य मंत्रिपरिषद में अपना अविश्वास व्यक्त करता है और यदि यह प्रस्ताव पारित कर दिया जाता है, तो मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है!
  • लोकसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या राज्यसभा के उपसभापति के निर्वाचन के लिए या हटाने के प्रस्ताव!
  • विशेषाधिकार प्रस्ताव : यह प्रस्ताव संसद के किसी सदस्य द्वारा पेश किया जाता है, जब उसे प्रतीत होता है की मंत्रिपरिषद के किसी सदस्य ने संसद में झूठा तथ्य प्रस्तुत करके सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है!

 

स्थानापन्न प्रस्ताव : जो प्रस्ताव मूल प्रस्ताव के स्थान पर और उसके विकल्प के रूप में पेश किए जाते हैं, उन्हें स्थानापन्न प्रस्ताव कहा जाता है!

 

अनुषंगी प्रस्ताव : जो प्रस्ताव की विभिन्न प्रकार के कार्यों की अगली कार्यवाही के लिए नियमित उपाय के रूप में पेश किया जाता है!

 

प्रतिस्थापन प्रस्ताव : यह किसी अन्य प्रश्न पर विचार विमर्श के दौरान पेश किया जाता है! कोई सदस्य किसी विधेयक पर विचार करने के प्रस्ताव के संबंध में प्रतिस्थापन प्रस्ताव पेश करता है!

 

संशोधन प्रस्ताव : यह प्रस्ताव मूल प्रस्ताव में संशोधन करने के लिए पेश किया जाता है!

 

अनियमित दिन वाले प्रस्ताव : जिस प्रस्ताव को अध्यक्ष द्वारा स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है, लेकिन उस प्रस्ताव पर विचार विमर्श के लिए कोई समय नियत नहीं किया जाता, उसे अनियमित दिन वाला प्रस्ताव कहा जाता है!

 

अध्यादेश : राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल संसद अथवा विधानमंडल के सत्रावसान की स्थिति में आवश्यक विषयों से संबंधित अध्यादेश का प्रख्यापन करते हैं! अध्यादेश में निहित विधि संसद अथवा विधान मंडल के अगले सत्र की शुरुआत के छह सप्ताह के बाद प्रवर्तन योग्य नहीं रह जाती यदि संसद अथवा विधानमंडल द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता है!

 

निंदा प्रस्ताव : निंदा प्रस्ताव मंत्रिपरिषद अथवा किसी एक मंत्री के विरुद्ध उसकी विफलता पर खेद अथवा रोष व्यक्त करने के लिए किया जाता है! निंदा प्रस्ताव में निंदा के कारणों का उल्लेख करना आवश्यक होता है! निंदा प्रस्ताव नियमानुसार है या नहीं, इसका निर्णय अध्यक्ष करता है!

 

धन्यवाद प्रस्ताव : राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद की कार्य मंत्रणा समिति की सिफारिश पर तीन चार दिनों तक धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है! चर्चा प्रस्तावक द्वारा आरंभ होती है तथा उसके बाद प्रस्तावक का समर्थक बोलता है! इस चर्चा में राष्ट्रपति के नाम का उल्लेख नहीं किया जाता है, क्योंकि अभिभाषण की विषय वस्तु के लिए सरकार उत्तरदायी होती है! अंत में धन्यवाद प्रस्ताव मतदान के लिए रखा जाता है तथा उसे स्वीकृत किया जाता है!

 

विश्वास प्रस्ताव : बहुमत का समर्थन प्राप्त होने में संदेह होने की स्थिति में सरकार द्वारा लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव लाया जाता है! इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह सिद्ध करना होता है की सदन का बहुमत उसके साथ है! विश्वास प्रस्ताव के पारित न होने की स्थिति में सरकार को त्यागपत्र देना पड़ जाता है!

 

बैक बेंचर : सदन में आगे के स्थान प्रायः मंत्रियों, संसदीय सचिवों तथा विरोधी दल के नेताओं के लिए आरक्षित रहते हैं! गैर सरकारी सदस्यों के लिए पीछे का स्थान नियत रहता है! पीछे बैठने वाले सदस्यों को ही बैक बेंचर कहा जाता है!

 

गुलेटिन : गुलेटिन वह संसदीय प्रक्रिया है जिसमें सभी मांगों को जो नियत तिथि तक न निपटायी गई हो बिना चर्चा के ही मतदान के लिए रखा जाता है!

 

काकस : किसी राजनीतिक दल अथवा गुट के प्रमुख सदस्यों की बैठक को काकस कहते हैं! इस प्रमुख सदस्यों द्वारा तय की गई नीतियों से ही पूरा दल संचालित होता है!

 

त्रिशंकु संसद : आम चुनाव में किसी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में त्रिशंकु संसद की रचना होती है! त्रिशंकु संसद की स्थिति में दल बदल जैसे कुप्रवृत्तियों को प्रोत्साहन मिलता है!

 

नियम 193 : इस नियम के अंतर्गत सदस्य अत्यावश्यक एवं अविलंबनीय विषय पर तुरंत अल्पकालिक चर्चा की मांग कर सकते हैं! यह नियम 1953 ई० में बनाया गया था! इससे सदन की नियमावली में अविलम्ब चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव के अतिरिक्त अन्य कोई साधन सदस्यों के पास न था, इसलिए यह नियम बनाया गया!इसके अंतर्गत सदस्य किसी भी सार्वजनिक महत्व के अविलंबनीय विषय पर अल्पकालिक चर्चा के लिए नोटिस डे सकते हैं! यह चर्चा किसी प्रस्ताव के माध्यम से नहीं होती! इस कारण चर्चा के अंत में सदन में मत विभाजन नहीं होता! केवल सभी पक्षों के सदस्यों को सम्बद्ध विषय पर अपने विचार प्रकट करने का अवसर मिलता है!

 

न्यायिक पुनर्विलोकन : भारत में न्यायपालिका को न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति प्राप्त है! न्यायिक पुनर्विलोकन के अनुसार न्यायालयों को यह अधिकार प्राप्त है की यदि विधान मंडल द्वारा पारित की गयी विधियाँ अथवा कार्यपालिका द्वारा दिए गए आदेश संविधान के प्रतिकूल हैं, तो वे उन्हें निरस्त घोषित कर सकते हैं!

और पढ़ें : भारत के राष्ट्रिय चिह्न, प्रतिक, ध्वज, गीत एवं राष्ट्रगान

 

गणपूर्ति (Quorum) : दोनों सदनों में प्रत्येक बैठक के प्रारंभ के एक घंटे तक प्रश्न किये जाते हैं और उनके उत्तर दिए जाते हैं! इसे प्रश्नकाल कहा जाता है! प्रश्न काल के दौरान सदस्यों को सरकार के कार्यों पर आलोचना प्रत्यालोचन का समय मिलता है! इसके दो लाभ हैं – एक तो सरकार जनता की कठिनाइयों एवं अपेक्षाओं के प्रति सजग रहती है! दुसरे, इस दौरान सरकार अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी सदन को देती है!

 

दबाव समूह : व्यक्तियों के ऐसे समूह जिनके हित समान होते हैं, दबाव समूह कहे जाते हैं! ये ग्रुप अपने हित के लिए शासन तंत्र पर विभिन्न प्रकार से दबाव बनाते हैं!

 

पंगु सत्र : एक विधानमंडल के कार्यकाल की समाप्ति तथा दुसरे विधानमंडल के कार्यकाल की शुरुआत के बिच के काल में संपन्न होनेवाले सत्र को पंगु सत्र कहा जाता है! यह व्यवस्था केवल अमेरिका में है!

 

सचेतक (Whip) : राजनीतिक दल में अनुशासन बनाये रखने के लिए सचेतक की नियुक्ति प्रत्येक संसदीय दल द्वारा की जाती है! किसी विषय विशेष पर मतदान होने की स्थिति में सचेतक अपने दल के सदस्यों को मतदान विषयक निर्देश देता है! सचेतक के निर्देशों के विरुद्ध मतदान करने वाले सदस्यों के विरुद्ध दल बदल कानून के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है!

 

उम्मीद है ये रोचक पोस्ट आपको जरुर पसंद आया होगा! पोस्ट को पढ़ें और शेयर करें (पढाएं) तथा अपने विचार, प्रतिक्रिया, शिकायत या सुझाव से नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें अवश्य अवगत कराएं! आप हमसे हमसे  ट्विटर  और  फेसबुक  पर भी जुड़ सकते हैं!

Tags: general knowledgeभारतमहत्वपूर्ण शब्दावलीसंसदीय कार्यप्रणालीसामान्य ज्ञान
Previous Post

भारत के संविधान में केंद्र राज्य संबंध का वर्णन

Next Post

भारत के संसद की वित्तीय तथा कुछ अन्य समितियाँ

Related Posts

general knowledge samanya gyan ganga news

विभिन्न क्षेत्रों में भारत और विश्व में प्रथम व्यक्ति तथा विभिन्न विषय

9 April 2022

भारत के प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य और राष्ट्रिय उद्यान

9 April 2022

भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना

9 April 2022
general knowledge samanya gyan ganga news

भारत की प्रमुख झीलें एवं भारत के प्रमुख जलप्रपात

9 April 2022

भारत के प्रमुख बाघ अभ्यारण्य कौन कौन हैं

21 March 2022
general knowledge samanya gyan ganga news

भारत के प्रमुख स्थानों के भौगोलिक उपनाम

21 March 2022
Next Post

भारत के संसद की वित्तीय तथा कुछ अन्य समितियाँ

Recent News

HM Amit Shah ने CM Yogi Adityanath की मौजूदगी नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों को नियुक्ति-पत्र सौंपा

HM Amit Shah ने CM Yogi Adityanath की मौजूदगी नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों को नियुक्ति-पत्र सौंपा

15 June 2025
Rahul Gandhi के अनर्गल बयान की वजह से Congress कार्यकर्त्ता सर उठाकर चल नही पाता : Lakshman Singh

Rahul Gandhi के अनर्गल बयान की वजह से Congress कार्यकर्त्ता सर उठाकर चल नही पाता : Lakshman Singh

14 June 2025
माओवादी हमारे अपने हैं, केंद्र उनके साथ शांति वार्ता करे : महेश कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष तेलंगाना, ऑपरेशन कगार पर

माओवादी हमारे अपने हैं, केंद्र उनके साथ शांति वार्ता करे : महेश कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष तेलंगाना, ऑपरेशन कगार पर

7 June 2025
बंगाल पुलिस ने हजारों किमी की यात्रा कर एक पाकिस्तान विरोधी 19 वर्षीय लड़की को गिरफ्तार किया

बंगाल पुलिस ने हजारों किमी की यात्रा कर एक पाकिस्तान विरोधी 19 वर्षीय लड़की को गिरफ्तार किया

31 May 2025
Operation Sindoor पर Rahul, Ramesh, Revanth, Robert ने पूछे कितने Rafale गिरे : Sambit Patra

Operation Sindoor पर Rahul, Ramesh, Revanth, Robert ने पूछे कितने Rafale गिरे : Sambit Patra

31 May 2025
Congress नेता Alka Lamba की PC, सरकार से मांगी Operation Sindoor की सभी जानकारी

Congress नेता Alka Lamba की PC, सरकार से मांगी Operation Sindoor की सभी जानकारी

25 May 2025
  • अबाउट
  • प्राइवेसी
  • संपर्क
  • विज्ञापन
FOLLOW US

© GANGA NEWS

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
  • Login
DTV
  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • तकनीक
  • फैशन
  • लाइफस्टाइल
  • विज्ञान
  • खेल
  • जानकारी
  • बिज़नेस
  • व्यक्ति
  • शिक्षा
  • विडियो

© GANGA NEWS