Malegaon Balst Case Revelation | मालेगांव ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट का फैसला आने के बाद हुए एक खुलासे ने अचानक से राजनितिक सरगर्मी बढ़ा दी है. इस खुलासे के बाद भाजपा के नेता कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं. पूरा मामला तब का है जब मालेगांव में बम ब्लास्ट हुए जिसमें साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था. तब देश में भी कांग्रेस की सरकार थी और महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार थी. उसी समय कुछ बड़े नेताओं ने देश में भगवा आतंक और हिन्दू टेरर जैसे शब्दों को उछालना शुरू किया था. तब फर्जी केस बनाकर RSS प्रमुख Mohan Bhagwat को भी फंसाने और गिरफ्तार करने की साजिश रची गई थी! मालेगांव केस में कल फैसला आया, जिसमें साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया गया है.
उसी दौरान महाराष्ट्र ATS में काम करने वाले एक पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर (Mehboob Mujawar) ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसने भारत की राजनीति का पारा गर्म कर दिया है. महबूब मुजावर ने दावा किया है कि भगवा आतंकवाद की थ्योरी को आगे बढ़ने के लिए उस समय के बड़े अधिकारी और कई बड़े लोगों ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को अरेस्ट करने का ऑर्डर दिया था, और उन्हें किसी भी कीमत पर उठाकर लाने का दबाव भी बनाया था। उसके लिए उन्हें बाकायदा कई कर्मचारी, रिवॉल्वर और वारंट देकर भेजा गया था। जब हमने फर्जी केस में मोहन भगवत को गिरफ्तार नहीं किया तो मेरे ऊपर केस लगाकर मुझे ही फंसा दिया गया, जिसे बाद में कोर्ट ने हटा दिया.
मुजावर के इस दावे के बाद देश में सियासी घमासान छिड़ गया है। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ की गई साजिश अब खुल रही है। कई हिंदुवादी नेता और संघ के लीडर टारगेट पर थे। इस्लामिक आतंकवाद को बैलेंस करने के लिए भगवा आतंकवाद, हिन्दू टेरर जैसे फर्जी नैरेटिव गढ़ने की साजिश रची गयी. हिन्दुओं को बदनाम और अपमानित करने का प्रयास किया गया. लेकिन कांग्रेस की 2008 की साजिश सबके सामने आ गई है.
इस खुलासे पर भाजपा नेता संबित संबित पात्रा ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा – उस समय की सरकार ने वोटबैंक की राजनीति के लिए हिंदू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद जैसे शब्द गढ़े। कांग्रेस ने हिंदुत्ववादी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिकारी व पदाधिकारियों को टारगेट करने का षड्यंत्र रचा, और हिंदुओं को आतंकवादी ठहराने का प्रयास किया. अदालत के फैसले के बाद उनकी साजिश सबके सामने आ गई है। इतना ही नहीं जिस अधिकारी ने फर्जी केस में मोहन भगवत को गिरफ्तार करने से इंकार किया, उसके खिलाफ भी फर्जी केस बनाकर उसको फंसाया गया. ये पूरा खुलासा ये बताने के लिए प्रयाप्त है की तब की कांग्रेस कैसे बदले की राजनीति करती थी.